बताया जा रहा है कि सनाया उर्फ दुर्गा नाम की इस नवजात बच्ची को 15 महीने पहले बांसवाडा चिकित्सालय के पालनागृह में छोड दिया था.
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अविनाश जगनावत, उदयपुर: भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं की कहावत एक बार फिर से सच होती दिख रही है. स्थानीय बांसवाडा राजकीय चिकित्सालय के पालनागृह मे आई बेटी को एक एनआरआई परिवार ने गोद लिया है. जन्म लेने वाली मां ने भले ही अपनी नवजात बच्ची को ठुकरा दिया हो. लेकिन अपनों से ठुकराई इस मासुम बच्ची की परवरिश सात समन्द पार यूएसए में होगी.
बताया जा रहा है कि सनाया उर्फ दुर्गा नाम की इस नवजात बच्ची को 15 महीने पहले बांसवाडा चिकित्सालय के पालनागृह में छोड दिया था. जिसके बाद नवजात बच्ची को बांसवाडा के शेल्टर होम भेज दिया गया था, जहां उसकी परवरिश भी हुई. लेकिन भाग्य की धनी मां-बात के दुलार से वंचित इस अनाथ बच्ची को अमेरिका की एक दंपति ने गोद ले लिया है. बुधवार को अभिषेक और रूचिता माथुर ने पालनागृह पहुंच कर जरूरी कानूनी औपचारिकताओं को भी पूरा किया. जिसके बाद उसका नामकरण सनाया माथुर भी कर दिया गया है.
नवजात सनाया को गोद लेने वाले अभिषेक और रूचिता ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 15 साल पहले मुम्बई आने के वक्त उन्होंने अनाथ आश्रम मे बच्चों के बीच अपना समय बिताया था. इस दौरान उन्होंने एक बच्चे को गोद लेने का निर्णय लिया था. जो अब जाकर पूरी हो पा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि उनके दो बेटे यूएसए में अपनी प्यारी बहन का इंतजार कर रहे है.
बांसवाड़ा में जन्म देने के बाद लावारिस हालत में मिली इस बच्ची के भविष्य के लिए पालना गृह में रहने वाले लोग हमेशा चिंतित रहते थे. लेकिन उसे नया घर मिलने के बाद अनाथआश्रम के कर्मी काफी खुश नजर आ रहे हैं.